
राजस्थान में कोरोना संक्रमण के हर दिन रिकॉर्ड मामले और मौतें हो रही हैं । सरकारी डॉक्टर, श्मशान घाट व एंबुलेंस कर्मचारियों समेत अन्य जानकार वर्तमान स्थितियों को सरकारी आंकड़ों से कहीं ज़्यादा भयावह बता रहे हैं । मरीज़ों की संख्या अचानक बढ़ने से मरीजों को बेड, ऑक्सीजन और दवाइयों की समस्या हो रही है ।
राज्यभर से चिकित्सा सुविधाओं के अभाव में मरीजों की मौत की खबरों का आना बदस्तूर जारी है । डॉक्टर्स की मानें तो शहरों से ज़्यादा ग्रामीण इलाक़ों की स्थिति चिंताजनक हैं । राज्य के 429 अस्पतालों में कोविड का इलाज चल रहा है, लेकिन यह अस्पताल भी कम पड़ गए हैं ।
जयपुर समेत अन्य जगह अस्थाई कोविड केयर सेंटर बनाए जा रहे हैं । सरकारें आपस में आरोप-प्रत्यारोप कर रही हैं और लोग सुविधाओं के लिए भटक रहे हैं ।
राज्य में अब तक 84 लाख 11 हज़ार 797 सैंपल में से 5 लाख 46 हज़ार 964 पॉज़िटिव पाए गए । वर्तमान में 1 लाख 55 हज़ार 182 एक्टिव केस हैं और 3806 मौत हुई हैं । राज्य में 24 घंटे में सर्वाधिक मामले 27 अप्रैल को आए जब 16 हज़ार 089 केस सामने आए और 121 मौत हुई ।
राजस्थान जयपुर, जोधपुर, उदयपुर और कोटा में सर्वाधिक मामले मिल रहे हैं ।
सरकार का कहना है राज्य में प्रतिदिन 6500 ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत थी, जो बढ़कर अब 31 हजार 425 सिलेंडर हो गई है ।
राज्य में कोविड इलाज के 429 चिकित्सालयों में से 282 कोविड केयर सेंटर, 87 डेडीकेटेड कोविड अस्पताल औऱ 225 निजी चिकित्सालयों को कोविड इलाज के लिए अधिकृत किया गया है । लेकिन, मरीज़ों की बढ़ रही संख्या के लिए यह सुविधाएं कम नज़र आ रही हैं ।