
फतेहपुर । जिला उद्यान अधिकारी फतेहपुर ने बताया कि प्रदेश में आम की अच्छी उत्पादकता सुनिश्चित करने के दृष्टिकोण से यह आवश्यक है कि आम की फसल को सम -सामयिक रुप से हानिकारक कीटों एवं रोगों से बचाने हेतु उचित समय पर प्रबंधन किया जाए । फल मक्खी कीट का प्रकोप मई माह से जुलाई तक होता है । जिससे आम की फसल को काफी क्षति होती है । अतएव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा बागवानों को इस कीट के प्रकोप के नियंत्रण हेतु निम्नलिखित सलाह दी जाती है कि आम के फल मक्खी कीट आम के फलों को बड़ी मात्रा में नुकसान पहुंचाने वाला कीट है । इस कीट की सूड़िया आम के फलों के अंदर घुस कर गूदे को खाती हैं । जिससे फल खराब हो जाता है इस कीट की रोकथाम के लिए मिथाइल यूजिनाल 0.1% (1.5 मिली लीटर प्रति लीटर पानी) और मैलाथियान 0.2% (2.0 मिली लीटर प्रति लीटर पानी) का घोल बनाकर 8 से 10 जगह प्रति हेक्टेयर के हिसाब से चौड़े मुंह की शीशी/डिब्बों में भरकर पेड़ों पर लटका देने से नर मक्खियां आकर्षक होकर मैलाथियान कीटनाशी के प्रभाव से नष्ट हो जाती हैं । इस प्रकार से आम के फल मक्खी कीट के प्रकोप से बचाव हेतु बागवान भाई सम- सामयिक उपाय कर अपनी फसल को सुरक्षित एवं स्वस्थ रख सकते हैं । किसान भाई यह देख ले कि आम फल का रंग हल्का पीला या चाकू के काटने पर आम का गूदा हल्का पीला हो जाए तो यह खाने लायक हो जाता है ।आम को पकने के लिए के लिए बाजार में इथरल उपलब्ध है । सर्वप्रथम आम को ठंडे पानी से धो लिया जाए । उसके उपरांत 100 से 500 पी0पी0एफ0 (100 मिलीग्राम/लीटर पानी) इथरल अथवा इथेफाँन का सलूशन तैयार करने के उपरांत 15 मिनट के लिए डुबो दें तत्पश्चात आम को छाया में सुखाकर कमरे के तापमान पर भंडारित कर ले इस प्रकार की आम 1 से 3 दिन तक पक्का तैयार हो जाता है । किसान भाइयों को यह सलाह दी जाती है कि आम को ग्रेडेड कर बाजार में बिक्री हेतु ले जाएं । इससे उन्हें अच्छे दाम प्राप्त होंगे ।
कीटनाशक के प्रयोग में बरती जाने वाली सावधानियां – कीट नाशक के डिब्बों को बच्चों व जानवरों की पहुंच से दूर रखना चाहिए । कीटनाशक का छिड़काव करते समय हाथों में दस्ताने मुंह को मास्क,आंखों में चश्मा पहन लेना चाहिए । जिससे कीटनाशी त्वचा व आँखों मे न जाय ।
कीटनाशक का छिड़काव शाम के समय जब हवा का वेग अधिक ना हो तब करना चाहिए अथवा हवा चलने की विपरीत दिशा में खड़े होकर करना चाहिए । कीटनाशक के खाली पाउच डिब्बे को मिट्टी में दबा देना चाहिए ।