
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि हिंद-प्रशांत भविष्य है, अतीत नहीं ।
भारत के विदेश मंत्री, केके नैयर की याद में एक व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे । इस दौरान उन्होंने उन आरोपों को झूठा करार दिया जिनके मुताबिक, हिंद-प्रशांत की अवधारणा शीतयुद्ध से ली गई है ।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार विदेश मंत्री ने कहा, ”ये आरोप कि हिंद-प्रशांत की अवधारणा शीत युद्ध से ली गई है, प्रेरित एवं झूठे हैं…
ऐसा वे कहते हैं जो पिछले दो दशकों में हुई एकजुटता को नकारते हैं । उनकी कोशिश दूसरों की पसंद में बाधा पहुँचाना और अपने हितों को थोपना है ।”
क्वाड चार देशों का समूह है, जिसमें भारत,अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं ।
क्वाड का जिक्र करते हुए जयशंकर ने कहा कि इसका उद्देश्य वैश्विक भलाई है । उन्होंने कहा कि क्वाड इसलिए सटीकता से काम कर पाता है क्योंकि इसके सदस्य ‘लचीले और समझदार’ हैं ।
ये आम धारणा है कि क्वाड का गठन ।
एशिया पैसेफ़िक क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को काबू में रखने का प्रयास है ।
चीन भी इस आकलन से सहमत दिखता है ।