
◆ जिला प्रशासन को बदनाम करने की थी साजिश ।
◆ ललौली पहुँचे कांग्रेस के नेताओं का ग्रामवासियों ने किया बहिष्कार ।
◆ ग्रामीण असहज होकर बोले सुकून से जीने दो – गाँव को न करें बदनाम ।
◆ अब ग्राम में सियासी संकट शुरू अलग अलग दल पहुँच रहे ।
ललौली-फतेहपुर : कुछ मामले होते नही है लेकिन बना दिये जाते हैं । किसी रणनीति के तहत बनाई गई थी योजना । जो पूरी तरह से निराधार है । जो शवों पर सियासत थी वो पूरी तरह से भ्रामक है ।
क्योंकि सत्यता से दूर थी मीडिया । क्योंकि उच्च चैनलों द्वारा जो खबर 100 शवों पर प्रकाशित की गई थी वो पूरी तरह से गलत थी । क्योंकि प्रशासन द्वारा सर्वे कर मौतों का आंकड़ा 37 था । लेकिन 100 मौतों के इस खेल का मामला कुछ और था । क्योंकि विपक्ष और कुछ उच्च चैनलों की सोची समझी रणनीति थी ।
जनपद के बेहतर कार्यो को बदनाम बदनाम करने के लिए ,सरकार कोई भी हो लेकिन विपक्ष हमेशा से ही प्रदेश के बेहतर कार्यो को बदनाम करने में लगा रहता है ।
बेहतर कार्यो पर हमेशा टिप्पणी होती रहती है । लेकिन कोरोना वाइरस संक्रमण महामारी काल में जो इस समय शवों को लेकर विपक्ष भ्रामक प्रचार प्रसार कर शासन प्रशासन की बेहतर व्यवस्था पर जो सवालियां निशान और कायराना हरकत कर रहा है वो पूरी तरह से गलत है ।
जनपद फतेहपुर के कस्बा ललौली ग्रामसभा में जो मौतों को लेकर खबर उच्च चैनलों व समाचार पत्रों,एजेंसियों में संचालित की गई है वो पूरी तरह से साजिश थी कोई गलत सूचना पर इस मामले को भ्रामक रूप से फैलाई जा रही थी ।
जब हम असलियत जानने के लिए जमीनी हकीकत से रूबरू होने ललौली पहुँचते है तो वहाँ पर कुछ और ही बात थी । वहाँ पर ग्रामवासी,युवाओं ने जो बयान दिया वह सोचने पर मजबूर कर देने वाला था ।
हमारे संवाददाता को सूफियान द्वारा दिया गया बयान
21 वर्षीय युवक सूफियान पुत्र आफाक ने कहा जो मुझसे पहले बयान लिया गया था वो किसी आदमी के दबाव पर मीडिया ने हमसे कहा कि जो आदमी ने कहा है वही बोलना तो सूफियान ने उन सब उच्च मीडियाकर्मियों के दबाव में बयान दिया था कि मेरे परिवार में 4 लोगो की मृत्यु हो गयी है वो बिल्कुल गलत है ।
हमारे संवाददाता को सूफियान के पिता आफाक द्वारा दिया गया बयान
उनके पिता आफाक से भी बयान लिया गया तो उन्होंने भी कहा कि हमारे परिवार में कोई मौत नही हुई है वो पूरी तरह से झूठ है तो सही कौन था । इस पर पूरा मंथन किया गया कि लड़के के बयान पर जो कहा गया कि एक आदमी ने दबाव दिया मीडिया को ऐसा बयान देने के लिए और पत्रकारों ने भी यही कहा कि जो वो आदमी कह रहा है वो ही बयान दो तो लड़के ने भी यही दिया । पत्रकारों ने लड़के से दबाव बनाकर कहा कि जो उस आदमी ने जो कहा वो बोलो तो लड़के ने वही बोला कि हमारे गांव में 100 लोगो की मौत हुई है जो वो आदमी बोला था । इसके बाद उच्च चैनलों के लोग कब्रिस्तान की वीडियो बनाने लगते हैं तो लड़के ने कहा कि इसकी वीडियो क्यो बना रहे हो तो मीडिया कर्मियों ने कहा कि बेटा अगर कब्रिस्तान की वीडियो नही बनायेगे तो सरकार तक तुम्हारी बात कैसे पहुँचेगी । बहुत सोचने वाली बात है कि मीडिया द्वारा ऐसा दबाव क्यो बनाया जा रहा था ।
विपक्ष की रणनीति पर मीडिया वहाँ के लोगो पर दबाव बना कर लाशों पर गलत बयान देने पर मजबूर किया था ।
अब हम जब हकीकत की पूरी जानकारी लेने ग्राम के नवनिर्वाचित प्रधान शमीम खान से पूरी जानकारी लेने पहुँचते है तो उनके द्वारा जो बयान दिया गया वो बिल्कुल सही था ।
– उन्होंने बताया कि जब हमने गांव का सर्वे किया तो मालूम हुआ कि जो मौतों का आंकड़ा है वो 37 का है और वो पहले से ही कोई न कोई बीमारी से ग्रस्त थे कोविड से नही । सर्वे की 37 लोगो की मृत्यु की रिपोर्ट भी हमने प्रशासन को भेज दी है ।
उन्होंने कहा कि जो उच्च चैनलों में खबर चल रही है कि ललौली ग्राम में 100 लोगो की मृत्यु हुई है वो पूरी तरह से भ्रामक है । उच्च चैनलों द्वारा जनपद की गलत खबर चलाना और जिला प्रशासन को बदनाम करने का जो कार्य किया जा रहा है वो पूरी तरह से बेबुनियाद है । ललौली में सिर्फ 37 लोगो की मौते हुई है ।
कहते हैं बीमारियां आती नहीं है लेकिन जब भी कोई बीमारी आती है तो वह इतनी भयावह होती है कि बहुत कुछ बदल देती है । 100 वर्षों में कभी ऐसी बीमारी आती है जो बहुत घातक होती है लम्बे समय तक ऐसी बीमारी बनी रहती है । कोरोना एक महामारी है जिससे कि अभी लोग उभरे नही है और इसे लेकर जो अफवाहे फैलाई जाती है वो भी गलत है । अगर कोरोना काल मे बीमारी अगर सियासत बन जाए तो सोचो कि देश का राजनीतिक स्तर कितना निष्ठुर हो गया है । अब भ्रामक खबरें फैलाए जाने वाले चैनलों से क्या कहना है कि वह भी दबाव में ग्राम के लोगो से बात करते हैं और अपनी टीआरपी बढ़ाने के लिए सही गलत का कोई मतलब नहीं देखते है । ऐसे मीडिया के लोगो को जमीनी स्तर पर रिपोर्टिंग कर सही जानकारी अर्जित करना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं है ।
ऐसे मामलों में विपक्षी दलों के नेता भी कुछ कम नहीं वो भी ऐसे मामलों में रोटी सेकने का काम करने के लिए ऐसी जगहों पर जाने से नही कतराते हैं और पहुँच कर मलहम लगाने का काम शुरू कर देते हैं ।
ऐसे में ही कस्बा ललौली में अचानक विपक्षी दल के नेताओं ने अपने लाव लसगर के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पूर्ण रूप से उल्लंघन करते हुए प्राथमिक विद्यालय में लगे वैक्सीनेशन केंद्र पहुंचे जो शायद उचित नहीं था ।
इस तरह से कोविड-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए वैक्सीनेशन केंद्र में पहुंचना बहुत ही निन्दनीय हरकत है । जब कांग्रेस के प्रदेश महासचिव और पूर्व सांसद राकेश सचान पूर्ण रूप से सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करते हुए वैक्सिनेशन केंद्र पहुंचे और 3 दर्जन से अधिक लोग वहां एकत्र हो गए और विपक्षी दल के नेता द्वारा भाषण शुरू हुआ । वैक्सीनेशन केंद्र पर इस तरह से भीड़ बिल्कुल भी एकत्रित नहीं होनी चाहिए । विपक्षी दल के नेताओं द्वारा वहां के कर्मचारियों और लोगों को बरगलाने का कार्य किया जा रहा था । जिला प्रशासन के बेहतर कार्य करने के बाद भी विपक्ष इस तरह से सोची समझी रणनीति के तहत ही ललौली पहुंचे था । विपक्ष के नेता परिवारजनों से मिलने आए थे लेकिन रिपोर्टिंग के दौरान ऐसा कुछ भी नहीं दिखा । विपक्षी नेता रणनीति के तौर पर एक परिवार से मिलने आए थे ।
जहां पहले से ही एक रणनीति बनाकर उस परिवार के 4 सदस्यों की मौत का ड्रामा किया गया था । जो हमारे संवाददाता द्वारा एक बयान में लड़के और पिता ने चार लोगों की मौतों को झूठ बताया और उन्होंने कहा कि उनके परिवार में ऐसी कोई मौत ही नहीं हुई है ।
जिसके बाद विपक्षी दल के नेता वहां से निकल जाते हैं । क्योंकि वह अपने रणनीति पर कामयाब नहीं हो पाते हैं । जिला प्रशासन पर उठाए गए सवालों के सही जवाब मिल जाने के बाद बिना ड्रामा किए ही वहां से विपक्ष निकल जाता है ।
उसके बाद जब शाम होती है तो गांव की महिलाएं इकट्ठा होकर विपक्षी दल के नेताओं का बहिष्कार करते हुए कहती हैं कि हमारे गांव में आकर इस तरह से गलत भ्रम न फैलाये ।
उन सभी की आँखों पर झलका दर्द और कहा कि यहाँ पर रणनीति की राजनीति न करे । आप सब यहां आकर जो राजनीति को अव्वल करने का कार्य कर रहे हैं वह गलत है । आप सब की वजह से यहां पर जो अफवाहें उड़ाई जा रही है उससे सब डरे हुए हैं । भ्रामक खबरें ना फैलाएं,ऐसी खबरों की वजह से हमारी बहन बेटियों की शादी नहीं हो पा रही है । लोग यहाँ आने से डर रहे हैं । हमारे गांव में जिला प्रशासन द्वारा बेहतर कार्य किया जा रहा है तो उस पर विपक्ष क्यो हैरान है । लगातार वैक्सिनेशन का कार्य हो रहा है ,निगरानी समिति द्वारा लगातार निगरानी रखी जा रही है लोगो को जागरूक किया जा रहा है । ऐसे कुछ लोग जो गांव और जनपद को बदनाम करने का प्रयत्न कर रहे हैं वो सब ठीक नहीं है ।