
फतेहपुर । अपर जिला जज/ सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण फतेहपुर ने बताया कि विशेष लोक अदालत का आयोजन दीवानी न्यायालय,फतेहपुर में माननीय जनपद न्याया धीश /अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर कमलो द्वारा एन0आई0एक्ट की धारा-138 के अन्तर्गत लम्बित वादों के निस्तारण हेतु विशेष लोक अदालत का उद्घाटन समय 10 बजे प्रातः मीटिंग हाल में किया गया ।
इसी क्रम में उच्च न्यायालय,इलाहाबाद के पत्रांक-10720 / एडमिन. जी. द्वितीय के सन्दर्भ में माननीय जनपद न्यायाधीश महोदय फतेहपुर द्वारा हर घर तिरंगा अभियान 13 से 15 अगस्त 2023 के तहत समस्त न्यायिक अधिकारियो को अपने हाथो से तिरंगा देकर सभी को अपने-अपने घरो में फहराने हेतु निर्देशित किया गया ।
उक्त विशेष लोक अदालत के उद्घाटन में श्री अखिलेश कुमार पाण्डेय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश,कोर्ट न0-01 फतेहपुर ,श्री प्रमोद कुमार गंगवार विशेष न्यायाधीश एस०सी०एस०टी०, फतेहपुर,श्री विनोद कुमार चौरसिया, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फतेहपुर,श्री अनिल कुमार VI विशेष न्यायाधीश, ई.सी. एक्ट फतेहपुर,श्री विनय तिवारी,अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/एफ०टी०सी०,प्रथम फतेहपुर, श्रीमती नित्या पाण्डेय अपरजिला जज/सचिव,जिला विधिक सेवा प्राधिकरण फतेहपुर ,श्री अविजीत भूषण,अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/एफटीसी ,द्वितीय फतेहपुर,श्री राजबाबू मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट,फतेहपुर ,श्रीमती रोमा गुप्ता,अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट फतेहपुर,श्री महेन्द्र सिंह पासवान,सिविल जज सीनियर डिवीजन/एफटीसी श्री अनुपम कुशवाहा,अपर सिविल जज जू० डिo, कोर्ट न0-01 फतेहपुर, श्री प्रत्यूश गुप्ता न्यायाधिकारी ग्राम न्यायालय बिन्दकी फतेहपुर,श्रीमती अंकिता सिंह तृतीय,अपर सिविल जज जू०डि0,कोर्ट न0 -02 फतेहपुर श्रीमती भावना साहू सिविल जज जूनियर डिवीजन एफ०टी०सी०/ सी0ए0डब्लू0 फतेहपुर, श्री अरुण कुमार, सिविल जज जू०डि० जे०एम० खागा -फतेहपुर, कु० श्वेता सिविल जज जू०डि०/एफ०टी०सी० फतेहपुर आदि उपस्थित रहे ।
उक्त विशेष लोक अदालत में माननीय जनपद न्यायाधीश ने अवगत कराया कि विशेष लोक अदालत में पक्षकारो को बुला कर उनके मध्य सुलह समझौता के माध्यम से वार्ता कर छूट का लाभ दे कर सफल वादो का अधिक से अधिक निस्तारण किया गया एवं पक्षकारो को विशेष लोक अदालत का लाभ बताया गया कि सुलह समझौता के माध्यम से कम समय में अपने मुकदमों का निस्तारण कराये एवं लोक अदालत का लाभ उठाये । इससे दोनो पक्षो की न तो हार होती है न जीत होती है । बल्कि दोनो का समय एवं पैसा दोनो बचता है । उक्त विशेष लोक अदालत में सुलह समझौते के माध्यम से कुल 55 वादों का निस्तारण किया गया ।