
कानपुर । भारतीय संदर्भ में आत्महत्या एक महत्वपूर्ण मुद्दा है हमारे देश में हर साल आत्महत्या के कारण एक लाख से अधिक जान चली जाती हैं पिछले दो दशकों में आत्महत्या की दर प्रति एक लाख पर 7.9 से बढ़कर 10.3 हो गई है भारत में अधिकांश आत्महत्या 30 वर्ष से कम उम्र के लोगों द्वारा की जाती हैं । व्यक्ति में उत्पन्न अवसाद, दी ध्रुवीय विकार,शराब या मादक द्रव्यों का सेवन इत्यादि मानसिक विकारों को जिम्मेदार ठहराया जाता है आत्महत्या आज दुनिया में दसवें नंबर का मानव मृत्यु का कारण बन चुका है उपरोक्त बात नशा हटाओ हरियाली लाओ प्रदूषण मिटाओ अभियान के तहत विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के परिप्रेक्ष्य में जूही हमीरपुर रोड व्यापार मंडल, सोसाइटी योग ज्योति इंडिया व पंडित दीनदयाल उपाध्याय एग्रीकल्चर एंड आयुर्वैदिक रिसर्च संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में मिशन देव ज्योति के सहयोग से आयोजित आत्महत्या रोकथाम हेतु मानव श्रृंखला एवं स्वास्थ्य परिचर्चा आत्महत्या क्यों और कैसे कारण एवं निदान पर अंतर्राष्ट्रीय नशा मुक्ति अभियान के प्रमुख योग गुरू ज्योति बाबा ने कही ।
ज्योति बाबा ने आगे कहा कि आत्महत्या की रोकथाम एक वाक्यांश है । जिसे रोकथाम के उपाय के माध्यम से आत्म हत्याओं की घटनाओं को कम करने के लिए सामूहिक प्रयास के लिए उपयोग किया जाता है । कुछ विधियो तक पहुंच को कम करना जैसे विष, मदिरा व मादक गोलियां तथा आर्थिक विकास को बढ़ाकर कर सकते हैं कुछ चिकित्सक रोगियों से आत्महत्या रोकथाम अनुबंध पर हस्ताक्षर कराते हैं ।
पंडित दीनदयाल संस्थान के अध्यक्ष भरत भाई पटेल ने कहा कि आत्महत्या को अक्सर रोका जा सकता है और इसे रोकने के प्रयास व्यक्तिगत,रिश्ते,समुदाय और समाज के स्तर पर हो सकते हैं आत्महत्या का गंभीर प्रभाव व्यक्तियों,परिवारों और समुदायों पर लंबे समय तक रह सकता है ।
जूही हमीरपुर रोड व्यापार मंडल के अध्यक्ष मनबोधन सिंह व महामंत्री गगनदीप सिंह ने कहा कि आत्महत्या में मनोरोग भी बड़ा कारण है । एक व्यवहारिक या मानसिक पैटर्न है । जो व्यक्तिगत कामकाज में महत्वपूर्ण परेशानी या हानि का कारण बनता है मानसिक टूटन,मानसिक विकलांगता,मानसिक बीमारी , तांत्रिक टूटना,मनोवैज्ञानिक विकलांगता इत्यादि आत्महत्या का कारण है ।
राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष योग ज्योति अमरजीत सिंह पम्मी भैया ने कहा कि आज किशोरवय बच्चों का आत्महत्या करना एक बड़ी समस्या बन चुका है । इसीलिए गुरुजनों को शिक्षा के नए-नए पैटर्न अपना कर उनमें रोचकता और आत्मविश्वास बढ़ाऐ ।
मिडास परिवार के उपेंद्र मिश्रा एवं शोभा मिश्रा ने कहा कि जल्दी भौतिक तरक्की को ढूंढने वाले युवा आत्महत्या के रोग से पीड़ित हो जाते हैं और अपने माता-पिता को पूरे जीवन का न भरने वाला घाव दे जाते हैं । कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर धर्मेंद्र शुक्ला व धन्यवाद चेयरमैन ऋषभ मिश्रा ने दिया । अंत में सभी को आत्महत्या मुक्त वातावरण बनाने हेतु ज्योति बाबा ने संकल्प कराया ।