
यूपीआई के जरिए मोबाइल रिचार्ज करने के लिए ये कंपनियां पहले से ही अलग-अलग नाम से फीस वसूल रही हैं । लेकिन अब वसूली का ये सिलसिला सिर्फ मोबाइल रिचार्ज तक ही सीमित नहीं रहने वाला है और इसका विस्तार होने वाला है । गूगल पे ने तो इसकी शुरुआत भी कर दी है ।
UPI Transaction । आज के समय में यूपीआई हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है । एक व्यक्ति रोजाना औसतन करीब 60 से 80 प्रतिशत लेनदेन यूपीआई के जरिए कर रहा है ।
यही वजह है कि भारत में रोजाना करोड़ों यूपीआई ट्रांजैक्शन हो रहे हैं, जिनके जरिए सैकड़ों करोड़ रुपये का लेनदेन हो रहा है । यूं तो देशभर में कई कंपनियां यूपीआई के जरिए ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा देती हैं । लेकिन पेटीएम, गूगल पे और फोनपे सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले यूपीआई पेमेंट ऐप हैं । ये सभी कंपनियां ज्यादातर यूपीआई ट्रांजैक्शन के लिए किसी तरह की कोई फीस नहीं लेती हैं और आपके ट्रांजैक्शन फ्री होते हैं । लेकिन, अब शायद लोगों के लिए ये फ्री वाली सेवाएं जल्द ही बंद हो सकती हैं और आपको अलग-अलग सर्विसेज के लिए फीस चुकानी पड़ सकती है ।
Google Pay ने ग्राहक से वसूले 15 रुपये
यूपीआई के जरिए मोबाइल रिचार्ज करने के लिए ये कंपनियां पहले से ही अलग-अलग नाम से फीस वसूल रही हैं । लेकिन अब वसूली का ये सिलसिला सिर्फ मोबाइल रिचार्ज तक ही सीमित नहीं रहने वाला है और इसका विस्तार होने वाला है । गूगल पे ने तो इसकी शुरुआत भी कर दी है ।
जी हां, इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुकाबिक गूगल पे ने बिजली का बिल जमा करने के लिए कन्वीनियंस फीस के नामb पर ग्राहक से 15 रुपये की वसूली की है । रिपोर्ट के मुताबिक, यूजर ने क्रेडिट कार्ड की मदद लेकर गूगल पे से बिजली के बिल का भुगतान किया था ।
देश में जबरदस्त तरीके से बढ़ रहा है यूपीआई का इस्तेमाल
गूगल पे ने इस वसूली को “डेबिट और क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शन के लिए प्रोसेसिंग फीस” बताया था और इसमें जीएसटी भी शामिल था । बताते चलें कि यूपीआई का इस्तेमाल सिर्फ दुकानों पर खरीदारी के लिए ही नहीं बल्कि कई अन्य सेवाओं के लिए भी हो रहा है । आज के समय में लोग पेट्रोल-डीजल ,मोबाइल रिचार्ज, डीटीएच रिचार्ज,तरह-तरह के बिल पेमेंट, रेलवे-फ्लाइट टिकट, मूवी टिकट, फास्टैग,गैस बुकिंग,मनी ट्रांसफर,मेट्रो कार्ड रिचार्ज, इंश्योरेंस प्रीमियम आदि के लिए यूपीआई का ही इस्तेमाल कर रहे हैं ।