
फतेहपुर : सन् 2025 तक देश को टीबी से मुक्त कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयास कर रहा है । इसके लिए समय-समय पर अभियान चलाये जाते हैं । इसी कड़ी में नौ मार्च से घर-घर टीबी रोगी खोजे जाएंगे । इसके लिए एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान चलेगा । शासन के निर्देश पर यह अभियान जिले में 22 मार्च तक चलाया जाएगा ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेंद्र सिंह ने बताया एसीएफ के लिए जिले में टीमों का गठन कर दिया गया है । हर पांच टीमों पर एक सुपरवाइजर होगा ।
अभियान के लिए माइक्रोप्लान तैयार किया जा रहा है ।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ०अभय प्रताप ने बताया-अभियान के दौरान इसबार 20 प्रतिशत आबादी की स्क्रीनिंग की जाएगी । अब तक एसीएफ के दौरान केवल दस प्रतिशत आबादी की स्क्रीनिंग की जाती थी ।
उन्होंने बताया शासन ने इस बार पोस्ट कोविड मरीजों की स्क्रीनिंग के भी निर्देश दिए हैं । यदि किसी व्यक्ति में टीबी से मिलते जुलते लक्षण होंगे तो उसकी भी जांच कराई जाएगी । अभियान में आशा,आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और पोलियो वालंटियर का सहयोग लिया जाएगा । इन सभी को अभियान से पहले प्रशिक्षण दिया जा चुका है । प्रशिक्षण सत्र में टीबी के लक्षणों के बारे में जानकारी दी जाएगी ।
साथ ही यह भी बताया जाएगा कि घर-घर जाकर वह किस तरह से अपना परिचय देते हुए यह पूछना है कि घर के किसी सदस्य को 15 दिन से अधिक खांसी, खांसी के साथ बलगम या खून आना ,अचानक वजम कम होना या फिर बुखार रहने जैसी शिकायत तो नहीं हैं । यदि किसी व्यक्ति में ऐसे लक्षण होंगे तो उसकी स्पुटम (बलगम) की जांच कराई जाएगी ।
अभियान में लगे जिस सरकारी कर्मचारी द्वारा संभावित रोगों की पहचान कराई जाएगी । टीबी के संक्रमण की पुष्टि होने पर उसे 500 रुपये का भुगतान शासन की ओर से किया जाएगा । उन्होंने बताया कि एसीएफ के दौरान टीबी रोगी मिलने पर 48 घंटे में उसका उपचार शुरू करने के साथ ही उसका विवरण निक्षय पोषण योजना से लिंक कराया जाएगा । इससे उसे पोषण के लिए हर माह 500 रुपये मिल सकेगा । अभियान के दौरान जिलाधिकारी समीक्षा भी करेंगे ।