
कानपुर : गौरैया हमारे पर्यावरण का प्रमुख अंग है इसकी लंबाई 16 सेंटीमीटर तक और वजन 32 ग्राम तक होता है आहार की कमी कच्चे मकानों में बने प्राकृतिक आवास नष्ट होने कीटनाशकों का इस्तेमाल तथा मोबाइल और टावरों से निकला रेडिएशन गोरेया की जान का दुश्मन बना हुआ है ।
उक्त बात नेपाल देश से गांधी पर्यावरण योद्धा सम्मान प्राप्त एवं बिहार की उपमुख्यमंत्री रेनू देवी जी से सम्मानित रूरा निवासी शान्या ने स्वनिर्मित गौरैया संरक्षण के पोस्टरों को वाहनों में चिपका कर गौरैया बचाने का अनुरोध करते हुए कहीं ।
शान्या ने राहगीरों को बताया कि 70 से 80 प्रतिशत मानव सहगामी गौरैया पक्षी नष्ट हो चुके हैं जो पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा है ।
ओलावृष्टि से चोटिल होकर एवं वाष्पीकरण से तालाब सूखने के कारण प्याज से गौरैया घट रही है इसकी शांत होती चाह चाहट पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा है ।
इस अवसर पर नंदनी यादव मोना कमल दिव्या कमल राजू नवीन कुमार दीक्षित शिवम इंद्रपाल कुशवाहा सौरभ सिंह सुखबीर सिंह आदि ने अपने घरों में घोंसला लगाने एवं पर्यावरण का संकल्प लिया ।